अनुभव के आधार पर आज मै स्वीकार करती हूँ की ईश्वर को कहीं भी तालाशो मगर वो मिलते है
अपने ही अंतर्मन में।
मनुष्य का पूरा जीवन ईश्वर के तलाश में पूर्ण हो जाता है।
ईश्वर का अर्थ शांति से है।
ईश्वर का अर्थ सुख से है।
ईश्वर का अर्थ ज्ञान से है।
ईश्वर का अर्थ आनंद से है।
ईश्वर का अर्थ प्रेम से है।
और इन सभी का सम्बन्ध मन से है।
मेरा मानना है की मन हीं मंदिर है..
मेरे इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है.......
------- किरण गुप्ता (बोकारो इस्पात नगर )------
good post
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